थल सेना प्रमुख का राजनीतिक कोर्टमार्सल
गौतम चैधरी विगत कुछ दिनों से लगातार देश के थल सेना प्रमुख जनरल वी0 के0 सिंह पर केन्द्र सरकार की बक्रदृ’िट पर रही है। सरकार और सत्ता की टेढी नजर का खमियाजा भारत से सम्पूर्ण सुरक्षा पर पर रहा है। नित नवीन खुलासे हो रहे हैं और उन खुलासों की स्वीकार्यता के बाद भी केन्द्र सरकार डफली पीट पीट कर साबित करने का प्रयास कर रही है कि सेना के सर्वोच्च अधिकारी ने आदर्”ा और गरिमा का निर्वहण नहीं किया है। संसद के चतुरंग में एक इमानदार और रा’ट्र की नि’ठा से जुडे अधिकारी को मात्र इसलिए बरखास्त करने की मांग की जाती है कि उन्होंने अनु”ाासन का पालन नहीं किया है। सवाल यह उठता है कि सम्माननीय सांसदों की मांग को जायज ठहराया जा सकता है क्या? भारत के कथित सर्वोच्च पंचायत में सेना के “ाीर्’ा अधिकारी जनरल सिंह पर वे लोग आरोप लगा रहे हैं जिनका न तो दे”ा की संस्कृति के अनुकूल चरित्र है और न ही व्यवहार। सम्माननीय मुलायम जी सेनाधिकारी को कम बोलने की नसीहत देते हैं। भारतीय जनता पार्टी को छोड लगभग सभी दलों के नेताओं ने स्वाभिमानी और इमानदार सेनाधिकारी को बरखास्त करने की मांग की है। इस मांग में वे साम्यवादी भी “ाामिल ह...