समाचारों की व्याख्या के माध्यम से दो ज्वलंत मुद्दों पर बहस की अपेक्षा में

गौतम चैधरी पाकिस्तान की गोली-बारी, दिल्ली में सत्तरूढ गठबंधन का नेतृत्व कर रही भारतीय जनता पार्टी में अटल-आडवाणी युग का अंत, रांची, सोनीपत, मेरठ और बहराईच में लव-जिहाद, कुछ ऐसी ही राजनीतिक तो कुछ आपराधिक खबरों के अलावा राजनीतिक और प्रशासनिक पदस्थापन एवं स्थानांतरण के समाचारों के बीच इस देश की कुछ स्थानीय और भाषाई समाचार मा ध्यमों ने दो बेहद गंभीर खबर प्रकाशित की है। पहली खबर पंजाब के औद्योगिक नगर लुधियाना की है, तो दूसरी खबर हिमाचल प्रदेश के विकास खंड चम्बा की है। दोनों खबरों पर न तो किसी नामचीन की प्रतिक्रिया है और न ही किसी मुख्यधारा के समाचार माध्यमों में कोई हलचल ही है। चम्बा विकास खंड के एक पंचायल से संबद्ध दो जनप्रतिनिधियों ने समाचार माध्यमों के प्रतिनिधियों के समक्ष भावावेश में कह दिया कि यदि उनके गांव को मुख्य सडक से जोडने वाला पुल नहीं बनाया गया तो वे लोग सीमापार के चीनी प्रशासन से सहायता मांगेंगे। यह कथन भारतीय राष्ट्रवाद पर कितना बडा तमाचा है, इसकी कल्पना नहीं की जा सकती है। यदि भारतीय जनतंत्र में जीने वाले किसी व्यक्ति, समूह, संगठन को चीनी राष्ट...