भूकम्प पर राजनीति नहींए योजनाओं में शामिल करें भूगोलविदों को

गौतम चौधरी विगत कुछ दिनों से बृहद हिमालय में लगातार आ रहे भूकम्प के झटकों ने भूगर्भ विज्ञानियों के कान खडे कर दिये हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका से लेकर चीनए रूस तक के वैज्ञानिक इस बात की पडताल में लगे हैं कि आखिर वह कौन सा कारण है जिसने एशियायी आग्नेय क्षेत्र को फिर से भू.संचलन के लिए बाध्य किया है। भूगोल में भूगर्भीय संरचनाओं के बारे में थोडा ही पढा जाता हैए लिहाजा पृथ्वी के अंदर होने वाली गतिविधियों का मुकम्मल विज्ञान भूगर्भ विज्ञान है। अमूमन भूगोल की किताबों में स्थलाकृतियों के बारे में जानकारियां दी गयी है। इन जानकारियों के दौरान भूगोल में थोडा भूमि के अंदर और थोडा भूमि के बाहर की जानकारियां मिल जाती है क्योंकि पृथ्वी के वाह्य भाग पर बनी स्थलाकृतियों पर दोनों तरफ की शक्तियों का प्रभाव पडता है। चूकी भूकम्प पृथ्वी पर बनने वाले कई स्थलाकृतियों के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाता है इसलिए भूगोल के विद्यार्थियों को थोडा ही सहीए पर भूकम्प पढना जरूर पडता है। भूकम्प के बारे में जो लिखा और दिखाया जा रहा हैए उससे समाज में कई प्रकार की भ्रांतियां फैल रही हैए इसलिए भूकम्प पर मुकम्मल मिमांशा ...