आर्थिक मामलों के चार खबरों की मिमांशा

गौतम चौधरी बैंकों की गैर निष्पादित परिसंपत्ति जनता के पैसे का बंदरबांट देश के आर्थिक मामलों से जुड़े चार खबरों पर आज हम पड़ताल करने वाले हैं। ये खबरें विगत एक महीनें से समाचार माध्यमों की सुर्खियां बन रही है। इसपर चर्चा करना इसलिए भी जरूरी है कि मामला आम आदमी के हितों से जुड़ा हुआ है। पहली खबर है कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली हमारी केन्द्र सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक के गवरनर के अधिकार में कटौती करने की योजना बना रही है। वह कटौती किस प्रकार की होगी उसे सार्वजनिक नहीं किया गया है। दूसरी खबर है कि विगत दो वर्षो के दौरान विकास दर बढाने के चक्कर में बड़ी तेजी से ऋण की बढोतरी हुई है। तीसरी खबर यह है कि देश में बड़ी तेजी से करोड़पतियों की संख्या बढी है और उसमें से ज्यादातर करोड़पति विदेश जाकर बस गये हैं। चौथी और सबसे चौकाने वाली खबर यह है कि आम जनता से चलने वाले बैंकों ने बड़ी-बड़ी कंपनियों को मुक्तहस्त ऋण देती रही है, उन ऋणों में से चाल लाख करोड़ रूपये उन कंपनियों के पास है जो दिवालिया है। बैंकों ने उस पैसे को गैर निष्पादित परिसंपत्ति घोषित कर दी है। ये चारो खबरें हमार...