तो पंचायत चुनाव से भाग रही है हरियाणा सरकार?

गौतम चौधरी हरियाणा पंचायती राज अधिनियम संशोधन विधेयक पर उठा सवाल विगत दिनों माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने हरियाणा सरकार के द्वारा हालिया लागू किये गये पंचायती राज संशोधन अधिनियम विधेयक, 2015 को नकार दिया और उसे एक तरह से गैरसम्वैधानिक घोषित कर दिया। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले को हरियाणा सरकार की ओर से चुनौती मिलने की संभावना जताई जा रही है। वही प्रतिपक्षी पार्टियों ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले का स्वागत किया है। प्रतिपक्षी दलों की दलील है कि जब विधानसभा चुनाव, लोकसभा चुनावों में शैक्षणित योग्यता को आधार नहीं बनाया गया है, तो स्थानीय निकायों के चुनाव में शैक्षणिक आधार का जोड़ा किसी कीमत पर जायज नहीं है। लिहाजा यह स्थानीय लोकतांत्रिक प्रशासन को कमजोर करने की सरकारी साजिश है। इस मामले पर प्रतिपक्षी पार्टियों का कहना है कि सर्वोच्च न्यायालय ने जो फैसला दिया है, उससे स्थानीय लोक प्रशासन में लोकतंत्र मजबूत होगा, जिसे भारतीय जनता पार्टी की वर्तमान सरकार कमजोर करना चाह रही है। हालांकि इस मामले में सरकार, पैर पीछे करने की मन:स्थिति में नहीं दिख रही है। सर्वोच्च न्याया...