बाढ़ की स्थाई समस्या समाधान के लिए गंगा की अविरलता जरूरी

Gautam Chaudhary बिहार के मुख्यामंत्री नीतीष कुमार ने समाजवादियों की बेहद पुरानी मांग दुहराकर नए बहस को जन्म दे दिया है। उन्होंने केन्द्र सरकार से मांग की है कि फरक्का में गंगा नदी पर बताए गए डैम को तोड़ दिया जाए। इसके दुष्प्रभाव के बारे में भी उन्होंने बताया है और कहा है कि इसके कारण गंगा और उसकी सहायक नदियों की तलहटी में बालू जमा हो गया है, जो बिहार में बाढ़ के लिए जिम्मेबार है। गोया समाजवादी चिंतक अनिल प्रकाष इस मुद्दे को बेहद गंभीरता के साथ उठाते रहे हैं। नीतीष जी गंगा की अविरलता पर भी अपनी टिप्पणी दे चुके हैं। नीतीष कुमार का मानना है कि गंगा की अविरलता गंगा बेसीन में निवास करने वाले करोड़ों लोगों के हित में है। उनका यह भी मानना है कि गंगा के पानी पर सबसे पहला अधिकार गंगा के किनारे बसने वालों का है। यदि गंगा का पानी गंगापुत्रों को नहीं दे कर दिल्ली के लोगों को दिया जाता है तो यह गंगा के नजदीक बसने वालों के अधिकार का हनन है। सतही तौर पर देखा जाए तो देष के अधिकतर क्षेत्र में पानी का आभाव रहता है लेकिन बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेष, पष्चिम बंगाल, असम और मेधालय आदि राज्यों में पानी की अध...