अमेरिका-ईरान गतिरोध का भारत पर नहीं पड़ेगा प्रभाव

अमेरिका द्वारा ईरान के साथ साल 2015 के न्यूक्लियर डील से बाहर हो जाने के बावजूद भारत ने न सिर्फ अपने पुराने और परंपरागत दोस्त ईरान का स्पष्ट तौर से समर्थन किया है, बल्कि दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के द्विपक्षीय वार्ता भी हुई है। लिहाजा अमेरिकी गतिरोध का भारत पर कोई असर नहीं होगा। गौरतलब है कि ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ एक तात्कालिक यात्रा पर सोमवार को भारत आए थे। विदेश मंत्रालय के सालाना सम्मेलन में सोमवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत के साथ ईरान के रिश्ते किसी अन्य देश द्वारा थोपे गए प्रतिबंधों से प्रभावित नहीं होंगे और दोनों देशों के बीच व्यापार होता रहेगा। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य देशों (अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस, चीन) और जर्मनी के साथ होने वाले ईरान के न्यूक्लियर डील से अमेरिका बाहर हो गया है। इस बारे में सवाल पर सुषमा स्वराज ने कहा, भारत केवल संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों का पालन करता है और किसी एक देश द्वारा लगाए गए एकपक्षीय प्रतिबंधों का नहीं। भारत पहले भी यह कोशिश कर चुका है कि पश्चमिी देशों के प्रतिब...