झारखंड का वित्तीय संकट : राजनीतिक फायदे के फिराक में सत्ता व विपक्ष

गौतम चौधरी इन दिनों झारखंड के सियासी गलियारों में राज्य की वित्तीय स्थिति को लेकर गजब की हलचल है। सत्ता और विपक्ष दोनों इस संकट को अपने-अपने हितों के अनुसार परिभाषित कर रहे हैं और राजनीति की रोटी सेक रहे हैं। इस मामले को लेकर हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली महागठबंधन की सरकार ने केन्द्र सरकार पर कई आरोप लगाए हैं। इन आरोपों पर प्रतिपक्षी पार्टी भाजपा ने भी सरकार पर निशाना साधा है और साफ शब्दों में कहा है कि जब राज्य सरकार वित्तीय संकट के दौर से गुजर रही है तो फिर मुख्यमंत्री के लिए लग्जरी गाड़ी खरीदने की क्या जरूरत थी। हालांकि इस बयान का भी सत्ता पक्ष की ओर से जवाब आया है लेकिन राज्य की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए न तो सत्तापक्ष कुछ करने की स्थिति में और न ही विपक्षी पार्टी भाजपा केन्द्र सरकार पर दबाव बनाती दिख रही है, उलटे राज्य सरकार को ही कठघरे में खड़ी कर रही है। राज्य की वित्तीय स्थिति सचमुच बहुत खराब है। यह भी सही है कि इससे उबरने के लिए राज्य को केन्द्रीय मदद की भरपूर जरूरत है। इसके बिना कुछ भी संभव नहीं है। जैसे ही हेमंत सोरेन ने राज्य की कमान संभाली उन्होंने वित्तीय स...