पाकिस्तान की तुलना में बेहतर जीवन जी रहे हैं भारतीय मुसलमान

हसन जमालपुरी जब कभी भारतीय मुसलमानों के आर्थिक, सामाजिक परिप्रेक्ष्य की बात की जाती है तो उसकी तुलना स्वाभाविक रूप से पाकिस्तानी मुसलमानों के साथ की जाती है। स्वाभाविक भी है। क्योंकि सांस्कृतिक और धार्मिक आजादी के नाम पर ही कुछ मुस्लिम नेताओं ने पाकिस्तान की मांग की और मोहम्मद अली जिन्ना के नेतृत्व में वह तबका पाकिस्तान चला गया। चुनांचे पाकिस्तान में भारत से गए मुसलमानों को मोहाजिर कहा जाता है। समय बीता परिस्थितियां बदली और आज पाकिस्तान में बसने वाले ये मुहाजिर अपने आप को दुखी और ठगा महसूस कर रहे हैं। उनकी तुलना में भारतीय मुसलमान कहीं आगे हैं। 1947 में, जब पाकिस्तान को भारी रक्त पात के तहत भारत से अलग किया गया था, सिंधियों ने पाकिस्तान को चुना, जबकि भारत से बड़ी संख्या में उर्दू बोलने वाले मुस्लिमों ने सिंध प्रांत में बसना पसंद किया। सिंधी हिंदुओं, जिनको भारत भागने के लिए मजबूर किया गया उनके द्वारा खाली की गई संपत्ति को प्रवासि भारतीय मुस्लिम के लिए आवंटित कर दिया गया। इन्हीं जिन्हें मुसलमानों को पाकिस्तान में मोहाजिर के नाम से जाना जाता था। दरअसल, मोहजिर शब्द का इस्तेमाल...