अमेरिकी राष्ट्रवाद को नए सिरे से परिभाषित कर रहे हैं जो बिडेन
गौतम चौधरी रूस-यूक्रेन विवाद को हवा देकर संयुक्त राज्य अमेरिका के डेमोक्रेट राष्ट्रपति जो बिडेन ने यह साबित कर दिया है कि वे न केवल चालक रणनीतिकार हैं अपितु कुशल कूटनीतिक भी हैं। यूरोप के हालिया संकट पर जिस प्रकार उन्होंने कार्रवाई की है उससे साफि जाहिर होता है कि उन्होंने रूस-चीन गठबंधन के खिलाफ निर्णायक घेराबंदी प्रारंभ कर दी है। राष्ट्रपति का पदभार ग्रहण करते ही जो बिडेन ने अपनी विदेश नीति में कई परिवर्तन किए। घरेलु परेशानियों से जूझ रहे अमेरिका की सबसे बड़ी समस्या क्रूर पूंजीवाद को बचाए रखना है। इसके लिए अमेरिका को दुनिया भर में अपनी ताकत का अंदाजा कराते रहना पड़ेगा। इसके लिए दुनिया में कहीं न कहीं अमेरिका प्रत्येक्ष लड़ाई करने की नीति पर चलता रहा है। अमेरिका इसके लिए बाकायदा सैन्य ऑपरेशन का सारा खर्च उस क्षेत्र या देश के माथे पर लादता है, जहां कथित तौर पर उसने सैन्य कार्रवाई की होती है। हालांकि इस प्रकार की सैन्य कार्रवाई में अमेरिका का कई परोक्ष हितों के अलावे प्रत्यक्ष हित भी शामिल होता है। प्रथम विश्वयुद्ध काल से ही अमेरिका इस नीति पर चल रहा है। दूसरे विश्वयुद्ध में उस...