सिख अतिवाद से गुरूपुत्रों को भी होगी हानि
Gautm chaudhry मित्रों, विगत एक पखवाडे से पंजाब के हर चौक-चौराहों पर बस एक ही चर्चा हो रही है कि पंजाब में फिर से आतंकवाद लौट रहा है। बहरहाल पंजाब सरकार और प्रषासन दोनों सतर्क होने का दावा कर रहे हैं लेकिन आम नागरिकों में आतंकवाद का डर समाने लगा है। कल एक व्यापारी मित्र की दुकान पर बैठा था। पंजाब के सीमावर्ती जिले का एक खुदरा व्यापारी सामान लेने आया हुआ था वहां। जिस प्रकार से उसने तरनतारन, गुरदासपुर, फिरोजपुर और अमृतसर के ग्रामीण क्षेत्रों में घट रही घटनाओं का चित्रण किया, उससे तो मेरे मन में भी एक प्रकार का भय समा गया है। हालांकि मैं पेषे से संवाददाता हूं लेकिन आम लोगों के बीच घट रही घटनाओं से तटस्थ तो नहीं रह सकता न! इधर सामाजिक अंतरताना पर लगातार खालिसतान समर्थक अपने मनतव्य प्रस्तुत कर रहे हैं। पंजाब के नौजवानों को इस बात के लिए बाकायदा उकसाया जा रहा है कि उसके कौम के साथ भारत की केन्द्रीय सत्ता अन्याय कर रही है। ये नौजवान भारत की केन्द्रीय सत्ता के खिलाफ कितना लडेंगे यह तो पता नहीं लेकिन आम गैर सिखों पर सामत आना तय माना जा रहा है। आज से दो दिनों पहले लुधियाना और जालंधर से बिहार के ...