अमेरिकी हिटमैन थ्योरी और भारत में क्रूर पूंजीवाद का दौर
गौतम चौधरी बिहार में एक बार फिर से चुनाव की विसात बिछने लगी है। विधानसभा चुनाव को लेकर हर दल और राजनीतिक व्यक्ति अपने अपने तरीके से मैदान मारने के फिराक में है। हर के अपने-अपने दाव है और अपनी-अपनी चाल, लेकिन इस बार के चुनाव में कुछ अलग हट के भी बातें हो रही है। मसलन बिहार में वामपंथी ताकतों के उभार से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक बार फिर बिहार राजनीतिक प्रयोग के मुहाने पर आकर खड़ा हो गया है, जहां एक ओर वामपंथी ताकतें हैं, तो दूसरी ओर यूएस नियंत्रित काॅरपोरेट घराने, जो खूनी और क्रूर पूजीवाद को लेकर विगत तीन दशकों से भारत में सक्रिय है। हम थोड़ा पीछे चलते हैं और संयुक्त राज्य अमेरिका के विश्व साम्राज्यवादी सोच पर आधारित विस्तार को समझने की कोशिश करते हैं। आॅटोमन साम्राज्य के बाद ब्रितानियों ने दुनिया में अपना पैर जमाया और लगभग पूरी दुनिया पर फिरंगियों का प्रत्यक्ष और परोक्ष कब्जा हो गया। दो यूरोपिए महायुद्ध के बाद ब्रितानी साम्राज्य का खात्मा हो गया लेकिन उसी के ध्वंस पर रूस में साम्यवादी साम्राज्य और अमेरिका में पूंजीवादी साम्राज्य का उदय हुआ। दोनों ने अपने-अपने तरीक...
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