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Showing posts from August, 2012

भारत-बांग्लादेष कूटनीतिक संबधों की समीक्षा जरूरी

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गौतम चौधरी  बांग्लादेष के सीमावर्ती क्षेत्रों वाले भारतीय भूभाग पर आंतक और अव्यवस्था जो दिख रहा है वह निःसंदेह बंाग्लादेष द्वारा प्रायोजित है। भारत का केन्द्रीय नेतृत्व इस सच्चाई को चाहे कितना भी झुठलाये यह सवासोलह अना सत्य है कि बिहार, असम, पष्चिम बंगाल के साथ ही साथ पूर्वोतर में बांग्लादेष अपनी विदेषी नीति के तहत सूनियोजित विस्तार में लगा हुआ है। इस विस्तार के पीछे की बांग्लादेषी मानसिकता खतरनाक ही नहीं भारत के विरूद्ध भी है।  भारत सरकार यह मानकर चल रही है कि बांग्लादेष भारत के साथ है और विष्व मंच पर भारत का लगातार सहयोग करता रहेगा, लेकिन इस बात में तनिक भी संदेह नहीं है कि आजकल बांग्लादेष भारत से कही ज्यादा निकट चीन के साथ है। चीन और बांग्लादेष की संधी भारत के कूटनीति के खिलाफ जाता है। जिस प्रकार भारत का पष्चिमोत्तर क्षेत्र अंषात है और वहा विदेषी ताकत सक्रिय हो भारत के संघीय ढांचे के खिलाफ काम कर रहा है, उसी प्रकार भारत का पूर्वोत्तर विदेषी ताकतों के निषाने पर है। क्षेत्र की सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक स्थिति बडी तेजी से बदल रही है। पूर्वोत्तर में जितना हित चीन को दिख रहा

गेगोई सरकार की देन है असम की वर्तमान समस्या - गौतम चौधरी

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इन दिनों असम कई मामलो को लेकर सुखियो में है। संयोग कहिए या साजिष इन सारे मामलांे में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से बांग्लादेषी मुस्लमानों का हाथ बताया जा रहा है। पहली घटना एक महिला विधायक का है, जिसने अपनी राजनीति की शुरूआत भारतीय जनता पार्टी से की फिर कांग्रेस मे चली गयी। असम के राजनीतिक प्रेक्षकों का तो यहां तक कहना हैं कि उक्त महिला विध ायक का भाजपा के एक प्रभावषाली नेता के साथ अंतरंग संबध रहे हैं। भाजपा का वह नेता कई वर्षो तक पूर्वोतर का काम सम्भालता रहा है। उस नेता पर आज भी पार्टी की महत्वपूर्ण जिम्मेवारी है। महिला विधायक की घटना ने केवल असम को ही नहीं पूरे देष को हिलाकर रख दिया। विधायक के मामले में भी हिंसा को बडे सूनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया। फिर एक लडकी के साथ गुवाहटी में छेड-छाड की घटना हुई। उस घटना में जिन लोगों ने छेड-छाड की वे तो अपनी जगह है, लेकिन उस घटना में दो ऐसे लोगों का नाम आ रहा है, जो दूरदर्षन वाहिनी का संवाददाता हैं, गोया लडकी से छेड-छाड करने के लिए पत्रकारों ने कुछ टपोरियों को उकसाया। तीसरी घटना जो सबसे ज्यादा भयावह है, वह है वोडो और बांग्लादेषी मुस्लमानों