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Showing posts from 2013

भारतीय बाजार पर चीनी का आक्रामक आक्रमण-गौतम चैधरी

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चीन का बाजार भारत के गिरेवान तक पहुंच गया है। चीन के आक्रामक अंदाज ने न केवल भारत को चारो ओर से घेर रहा है, अपितु देश के उद्योग को भी नकारात्मक ढंग से प्रभावित करने लगा है। इस काम में चीन का साथ वही लोग दे रहे हैं, जो अपने आप को प्रगतिशील संप्रदाय का मानते रहे हैं। वे अभिजात्य हैं और सत्ता के गलियारों तक उनकी धमक है। गणनायक गणेश की मूर्ति हो या महावली हनुमान की तस्वीर, भगवान भोले नाथ का शिवलिंग हो या नटवर नागर मोहिनी मूरत भगवान कृष्ण की छवि, हर पर मेड इन चाइना लिखा होता है। चीन केवल छोटे-छोटे वस्तुओं का बाजार नहीं जोड रह, उसकी नजर अब भारत के आधारभूत उद्योग पर है। चीन श्रीलंका को हथियार दे रहा है। चीन मालदीव से भारत की कंपनियों को खदेरने में अहम भूमिका निभा रहा है। चीन अफगानिस्तान के आधारभूत संरचना में हाथ बटा रही भारत की कंपनियों को भगाने में पाकिस्तान की मदद कर रहा है। चीन नेपाल के साथ मिलकर हिमालय के पानी पर अपना नियंत्रण स्थापित कर रहा है और भारत के अभिजात्य जो कल तक ब्रितान, सोवित संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका की चाकरी में लगे थे आज चीनी पूंजी को बढावा देने में अहम भूमिका निभाने

राज्य के वित्तीय प्रबंधन पर बढ रहा है केन्द्र का दबाव-गौतम चैधरी

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बिहार सरकार का आठवां रिपोर्ड कार्ड प्रस्तुत करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार के विकास में केन्द्र का कोई योगदान नहीं है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार हमारे हिस्से का पैसा देने में आना-कानी कर रही है। नीतीश कुमार ने तो यहां तक कह दिया कि इन दिनों केन्द्र द्वारा वित्ता-पोषित कार्यक्रमों का पैसा भी असमय प्रप्त होता हो रहा है। कार्यक्रम हम पहले कर लेते हैं और पैसा बाद में कई किस्तों में हमें उपलब्ध कराया जाता है। इसी प्रकार की कुछ बातें विगत दिनों पंजाब विधानसभा में सत्तारूढ दल के विधायक सरदार दलजीत सिंह चीमा ने कही। मामला राज्य सरकार के द्वारा प्रदेश में संपत्ति कर लगाने को लेकर उठा था। प्रतिपक्ष सम्पत्ति कर के खिलाफ सदन से वहिरगमन कर गया था और सरकार में शामिल भारतीय जनता पार्टी के विधयक संपत्ति कर पर सवाल खडा कर रहे थे। इसी बीच विधानसभा अध्यक्ष सरदार चरनजीत सिंह अटवाल ने सम्पत्ति कर वाले विधेयक पर बहस के लिए विधायक चीमा को आमंत्रित किया। सदन में विधायक चीमा ने जो मामला उठाया वह नीतीश कुमार से थोडा भी भिन्न नहीं था। हो सकता है नीतीश कुमार की भाषा और चीमा की भाषा भिन्न

कांग्रेस की गोहाना रैली का नफा-नुक्शान:गौतम चैधरी

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इन दिनों सत्तारूढ दल हरियाणा प्रदेश कांग्रेस में घमासान मचा है। मुख्यमंत्री चैधरी भुपेन्द्र सिंह हुड्डा और केन्द्रीय मंत्री कुमारी शैलजा का आपसी गतिरोध बढता ही जा रहा है। यही नहीं प्रदेश के अन्य नेता भी चैधरी हुड्डा के खिलाफ मोर्चा खोल रहे हैं। इस बीच हुड्डा समर्थकों द्वारा गोहाना की रैली को इतिहासिक बताया जा रहा है। निःसंदेह विगत दिनों भाजपा द्वारा आयोजित सोनीपत की रैली और इंडियन नेशनल लोकदल की कुरूक्षेत्र रैली से कांग्रेस की गोहाना रैली बडी थी। इस मामले में गोहाना रैली को इतिहासिक कहा जा सकता है। वहां जाने वाले हर व्यक्ति ने रैली की सराहना की है। रैली का प्रबंधन उत्तम बताया जा रहा है। हरियाणा में बकायदा कांग्रेस की सरकार है। रैली का आयोजन कांग्रेस पबंधन की ओर से किया गया था। प्रचार के लिए सरकार का संपूर्ण अमला-फैदा दासो-दास था, गोया सरकार का पूरा जनसंपर्क विभाग समाचार माध्यमों को साध रहा था। इन तमाम दृष्टिकोणों से इस रैली को इतिहासिक कहा जा सकता है।  रैली के माध्यम से हरियाणा के कांग्रेसी क्षत्रप चै. भुपेन्द्र सिंह हुड्डा ने जो संदेश प्रदेश की जनता को देना चाहा वह उन्होंने दिया

पश्चिमोत्तर भारत के भूकम्पीय झटकों का भूगर्भीय संकेत - गौतम चैधरी

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पश्चिमोत्तर भारत में इन दिनों लगातार कई बार भूकम्प के झटके महसूस किये गये हैं। ये झटके वेशक कमजोर रहे होंगे, लेकिन इन भूकम्पीय झटकों का भूगर्भ में हो रहे त्वरित परिवर्तन के संकेत से जोडकर तो देखा ही जा सकता है। विगत दिनों आए भूकम्प क्षेत्रों पर नजर दौराने से साफ हो जाता है कि ये भूकम्प एक खास भौगोकि क्षेत्र में आ रहा है। भौतिक भूगोल की किताबों में एक कहानी का जिक्र किया गया है। उस कथा का उल्लेख करना यहां उचित रहेगा। कथा को भुगोलिक प्रमाणों से पृथ्वी के वाह्य बनावट के इतिहास से जोडा गया है। भौतिक भूगोल वाले पाट्यक्रम के प्रथम चरण में पृथ्वी के निर्माण की संकल्पना प्रस्तुत की गयी है। उस संकल्पना में प्रत्येक भूगोलवेत्ता इस मत पर सहमत है कि पृथ्वी का निर्माण सूर्य से हुआ है। हालांकि पृथ्वी के निर्माण प्रक्रिया पर भूगोलविदों में व्यापक मतभेद है, लेकिन हर विचाकर इस बात से सहमत है कि पृथ्वी या फिर सूर्य की कक्षा का प्रत्येक ग्रह सूर्य का ही निर्माण है। भौतिक भूगोल की पुस्तकों में पृथ्वी के स्वरूप में परिवर्तन की मुकम्मल जानकारी दी गयी है। भूगोलविदों का मानना है कि आज भी पृथ्वी का आंतकि भ

नीतश के समाजवाद पर भारी पड रहा है राजनीतिक ईष्या और संप्रदायवाद-गौतम चैधरी

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पटना, भारतीय जनता पार्टी की 27 अक्टूबर वाली रैली पर एक बार फिर से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुखर दिख रहे हैं। हालिया बयान का कुल लब्बो लुआब पटना रैली की विफलता साबित करना है। नीतीश के इस बयान को प्रेक्षक डपोरशंखी बता रहे हैं। इससे पहले भाजपा द्वारा प्रधानमंत्री के घोषित दावेदार नरेन्द्र भाई दामोदर भाई मोदी रैली में मारे गये लोगों में से चार के घरों पर न केवल दस्तक दे आये अपितु पांच लाख रूपये का चेक भी सैंप आये हैं। इसे मोदी की कार्य कुशलता से जोड कर देखा जा रहा है। मोदी को जानने वालों की मानें तो मोदी मुद्दों को भुनाना और उसका  राजनीतिक फायदा उठाना खूब जानते हैं। संक्षेप में कहें तो मोदी की रणनीति बिहार में रंग भी लाने लगी है। इसे भले नीतीश कुमार हल्के में लेने का दिखावा कर रहे हों, लेकिन अंदरखने वे भी हिले हुए हैं, बावजूद अपने बडे भाई लालू यादव की तरह डपोरशंखी बयान देने से बाज नहीं आ रहे हैं। पटना, भाजपा की रैली में बम विस्फोट को समाचार माध्यम और भाजपा का विरोध करने वाले राजनीतिक दलों ने बडी चालाकी से नेपथ्य में ढकेलने का प्रयास किया है। भाजपा रैली में हुए विस्फोट को महज

समझैता एक्सप्रेश विस्फोट मामला, गंभीर नहीं दिख रहा जांच अभिकरण-गौतम चैधरी

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समझौता एक्सप्रेश मामले में 19 फरवरी, सन् 2007 को रेलवे सुरक्षा बल के पुलिस उप-निरीक्षक रंजीत सिंह की सूचना के आधार पर एक प्राथमीकी दर्ज की गयी थी। उस प्राथमीकी के आधार पर पाकिस्तान के लाहौर निवासी अजमत अली को पुलिस अभिरक्षण में लिया गया। अजमत अली को समझौता एक्सपे्रश से सफर कर रहे यात्री पति-पत्नी सौकत अली और रूखशाना के द्वारा स्केच के आधार पर हिरासत में लिया गया था। पुलिस ने बताया कि अजमत अली भारत के कई स्थानों पर रेकी कर रहा था। वह अवैध तरीके से भारत के विभिन्न नगर और प्रांतों का भ्रमण कर रहा था। इसके बाद इंदौर, मध्य प्रदेश निवासी हुज्जाफ को पुलिस ने आठ दिनों के लिए अभिरक्षण में लिया। उसी दौरान पूरन सिंह ठाकुर भी पुलिस गिरफ्त में आया। इसके बाद पुलिस, जैनुद्दीन नामक व्यक्ति को पकडी। जैनुद्दीन का नार्को किया गया। इसके बाद पुलिस ने अब्दुल रज्जाक को पकडी। पुलिस ने ही रज्जाक को सिमी सरगना सफदर नागोरी का नजदीकी बताया। इन तमाम जानकारी और तथ्यों की दिशा एक थी जिसका संकेत स्पष्ट था कि समझौता एक्सप्रेश में बम विस्फोट के पीछे मुस्लिम चरमपंथियों का हाथ था। लेकिन 26 जुलाई सन् 2010 के बाद समझ

समझौता एक्सप्रेस विस्फोट, एक आपराधिक मामल और दो जांच व्याख्या-गौतम चैधरी

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इन दिनों संत असीमानंद, लोकेश शर्मा, राजेन्द्र चैधरी और कमल चैहान पंचकूला स्थित राष्ट्रीय जांच अभिकरण (एनआईए) के विशेष न्यायालय में अपने को निर्दो’ा साबित करने की लडाई लड रहे हैं। इन चारों पर 18 फरवरी सन् 2007 की रात को अटारी, पाकिस्तान जा रहे समझौता एक्सप्रेस में बम धमाके की साजिश का आरोप है। अद्यतन जानकारी के अनुसार संत असीमानंद ने जांच अभिकरण के विशेष न्यायालय में अपनी जमानत याचिका दाखिल की है। इस साल के प्रथम चरण में संत असीमानंद के अधिवक्ता नरदेव शर्मा ने पंचकूला के विशेष न्यायालय में संत असीमानंद के जमानत के लिए आवेदन किया था। उस आवेदन पर अभी तक मात्र तीन बहसें हो पायी है। दो बहस स्व. शर्मा करके गये और तीसरी बहस विगत 23 अक्टूबर को वरिष्ठ अधिवक्ता मतबेन्दर सिंह ने किया। अब अधिवक्ता नरदेव शर्मा के बहस पर कोई टिप्पणी करना उचित नहीं होगा क्योंकि अधिवक्ता शर्मा की विगत दिनों मृत्यु हो गयी। समझौता विस्फोट मामले में असीमानंद के जुडे पहलू का सबसे खास तथ्य यह है कि जमानत याचिका दाखित करने के बाद विशेष न्यायालय के न्यायाधीश तीन तारीख पर सुनवाई करने से मना कर दिये। जब अधिवक्ता ने न्यायाल

भगवान वाल्मीकि मंदिर को तीर्थ बनाने की योजना में जुटी पंजाब सरकार-गौतम चैधरी

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मां निषाद प्रतिष्ठां त्वमगम: शाश्वती: समा:। यत्क्रौंचमिथुनादेकम् अवधी: काममोहितम॥   यह श्लोक भगवान वाल्मीकि के मुख से अनायास ही नहीं निकला था। इस श्लोक के पीछे भवान वाल्मीकि के हजारों साल की तपस्या थी। कहते हैं कि जब वाल्मीकि के मुख से उक्त श्लोक फूटा, तो वहां ब्रह्मा प्रकट हुए और इस श्लोक का नामाकरण करते हुए उन्होंने वाल्मीकि से कहा कि आज से आप ऋषि हुए और दुनिया आपको ऋषि बालमीकि के नाम से पुकारेगी। प्रशन्न होकर श्रृष्टि के रचइता ने कहा कि आपके मुह से निकला छंद, अनुष्टुप छंद कहलाएगा। भगवान ब्रह्मा ने वाल्मीकि से अनुष्टुप छंद में एक महान ग्रथ के प्रणयन का निवेदन किया। अपनी बात कहकर भगवान ब्रह्मा अंतरध्यान हो गये, लेकिन वाल्मीकि को चैन कहा। ब्रह्मा की प्रेरणा से भगवान वाल्मीकि ने एक ग्रथ की रचना की जिसका नायक उन्होंने मर्यादा पुषोत्तम भगवान श्री राम को बनाया। कालांतर में ग्रंथ को वाल्मीकि रामायण के नाम से ख्याति मिली। दरअसल भगवान बालमीकि उसी ग्रंथ अमर हो गये। उन्होंने रामायण में जिस आदर्श का चित्रण किया है, वह अभिनव है। ग्रंथ में आदर्श की पराकाष्ठा का वरणन मिलता है। भगवान राम ग्रंथ

बिहार में नये राजनीतिक समीकरण की आहट-गौतम चैधरी

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  बिहार की राजनीति में लालू प्रसाद यादव के पराभव का असर दिखने लगा है। यह पराभव केवल एक व्यक्ति का पराभव नहीं है, इसे एक पूरी राजनीतिक धारा का पतन कहा जाना चाहिए क्योंकि लालू यादव एक व्यक्ति कभी नहीं रहे। उन्होंने बिहार में न केवल अपने बूते राजनीतिक जमीन तैयार की अपितु नकारात्मक ही सही, बिहार की राजनीति को एक दिशा भी दिया। हर निर्माण के दो पक्ष होते हैं, निःसंदेह लालू यादव की राजनीति को सकारत्मक नहीं कहा जा सकता है, लेकिन जिस समाज का लालू नेतृत्व करते हैं, बिहार का वह समाज आज भी लालू प्रसाद यादव को बहुत महत्व देता है और मसीहा से कम नहीं समझता है। लालू प्रसाद यादव ने समाजवादी राजनीति स्वरूप को जातिवादी राजनीति के ढांचे में ढाल दिया और बिहार की राजनीति पर लम्बे समय तक जमे रहे। यहां यह भी कहना जल्दबाजी होगा कि लालू यादव के पतन से बिहार में जातिवादी राजनीति का अंत हो जाएगा। संभावना यह बन रही है कि अब बिहार की राजनीति एक नया स्वरूप ग्रहण करेगा। जिसमें लालू और नीतीश के साथ कांग्रेस होगी और संभवतः रामविलास पासवान भी होंगे। इस राजनीतिक गठजोड में साम्यवादी दलों की भूमिका अहम होगी और साम्यवाद

सुशील मोदी के आरोपों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए-गौतम चैधरी

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देशभर में इन दिनों चारा घोटाले मामले में केन्द्रीय जांच ब्यूरो विशे’ा न्यायालय के फैसला पर चर्चा हो रही है। लगभग प्रत्येक दूरदर्शन वाहिनियां लालू जी की राजनीतिक भवि’य को खंगाल रहा है। इन दिनों लालू जी की राजनीति और उनके पार्टी का नफा नुक्शान चर्चा का वि’ाय बना हुआ है। हर ओर यही चर्चा है कि आखिर, लालू प्रसाद यादव को उसके किये की सजा मिल गयी। हालांकि इस मामले में केवल लालू यादव को ही सजा नहीं सुनाई गयी है, सबसे गंभीर आरोप बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री पं. जगन्नाथ मिश्र पर मढा गया है। सनद रहे कि इस केस में कई नेता और नौकरशाह पहले से जेल की चाहरदिवारी में कैद हैं। सांसद जगदीश शर्मा को मामले में अहम आरोपी बनाया गया है। इन तमाम चर्चा और आरोपों में एक अहम मामला बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता सुशील कुमार मोदी ने उठाया है। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर चारा घोटाले के मुख्य आरोपी श्याम विहारी सिन्हा से एक करोड रूपये लेने का आरोप लगाया है। हालांकि मोदी जी से पहले इस मामले को बिहार के पूव पशुपालन मंत्री गिरीराज सिंह ने उठाया और दूरदशन वाह

चंडीगढ प्रशासन का साम्प्रदायिक चेहरा-गौतम चैधरी

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इन दिनों चंडीगढ में रहने वाले एक खास संप्रदाया के लोगों को ऐसा लगने लगा है कि चंडीगढ प्रशासन का सत्ता प्रतिष्ठान उनके सांप्रदायिक हितों की अवहेलना कर रहा है। यह डर क्यों पैदा हुआ, इस डर के पीछे का कारण क्या है, या फिर इस डर का आधार क्या है, इसपर जबरदस्त मिमांशा की गुंजाइस है। निःसंदेह यह खोज का विषय है, लेकिन विगत कुछ दिनों में चंडीगढ प्रशासन द्वारा एक खास संप्रदाया के संदर्भ में लिए गये निर्णयों पर ध्यान केन्द्रित करने पर इस अवधारना को बल मिलने लगा है कि चंडीगढ का सत्ता प्रति’ठान साम्प्रदायिक मनोवृति का शिकार है। चंडीगढ के इतिहास में यह पहला मैका है जब रामलीला का मंचन करने वाली संस्थाएं लगातार विगत दो महीनों से उपायुक्त कार्यालय का चक्कर लगा रही है, लेकिन चंडीगढ के उपायुक्त इतने व्यस्त हैं कि वे रामलीला मंडलियों को स्थान आवंटित करने के लिए समय ही नहीं निकाल पा रहे हैं। चंडीगढ में लगभग 45 रामलीला संस्थाएं हैं। दशहरा के दिनों में नगर के विभिन्न स्थानों पर इन रामलीला संस्थाओं के द्वारा रामलीला का कार्यक्रम किया जाता है। सर्वेक्षण पर विश्वास करें तो चंडीगढ में होने वाले रामलीलाओं में

श्राद्ध का स्वांग और कर्मकांडी ब्राह्मणों का पाखंड - गौतम चैधरी

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आ”िवन कृष्णपक्ष की प्रतिपदा से पूरा हिन्दू समाज श्राद्धमय हो जाता है। हर हिन्दू अपने पितरों को प्रशन्न करने के लिए भिन्न प्रकार के प्रयोजन करते हैं। हर कर्मकांडी पंडित इस महा अभियान में व्यस्त हो जाता है। कर्मकाडी जमात का प्रचार है कि श्राद्ध के महीने में कालकवलित पितर अपनी संतति को आशिर्वाद देने मृत्युभुवन आते हैं। ये अदृष्य अपनी संतति को देखत आनंद मनाते हैं। जौ के आंटे से बना पिंड प्राप्त कर फिर से पितरलोक प्रस्थान कर जात हैं। इस मौसम में दान, यज्ञ, ब्राह्मण भोजन आदि का बडा महत्व बताया जाता है। अपने पितरों को आनन्द दिलाने के लिए कोई सज्या दान करता है तो कोई खांटी पीतल की थाली दान कर देता है। मान्यता है कि यहां दान की हुई वस्तु दान कर्ता के पितरों को विभिन्न लोकों में प्रप्त होगा। आजकल कुछ लोग अपने पीतरों को प्रशन्न करने के लिए आव”यकता के आधुनिक संशाधनों का दान भी करने लगे हैं। एक लालाजी ने अपने स्वर्गस्थ पिता को स्वर्ग में वाहन-सुख प्रप्त कराने के लिए प्रोहित्य को कार तक दान कर दिया। हलांकि कार संचालन के लिए उन्होंने चालक दान नहीं किया, लेकिन अपने स्वर्गस्थ पित

मिथिला का अत्यन्त प्राचीन एवं महनीय परम्परा

र्यावर्त में मिथिला का अत्यन्त प्राचीन एवं महनीय परम्परा रहीहै । वैदिक आर्य प्रायः सप्तसिन्धु प्रदेश तक ही सीमित थे । किन्तु , उत्तर वैदिक काल के प्रारम्भ में ही आर्य मिथिला क्षेत्र में आ चुके थे । लगभग ज्ञण्ण्र्ण्र् इ . पू . लिखित शतपथ ब्राहृमण की बहुश्रुत कथा के अनुसार विदेह माथव के नेतृत्व में ऋषिप्रवर पुरोहित गौतम रहुगण के साथ र्सवप्रथम सदानीरा - गण्डकी ) को पारकर तत्कालीन निर्जन सघन वन प्रदेश में अग्नि स्थापन कर ' यज्ञिय पद्धति ' से इस क्षेत्र को जनावास योग्य बनाया तथा यज्ञिय परम्परा से संयुक्त हुआ । अग्नि आर्य संस्कृति का प्रतीक माना गया है । तभी से वनाच्छादित यह प्रदेश विदेध अथवा विदेह कहलाने लगा । वसाढ Þ - वैशाली ) से प्राप्त गुप्तकालीन मुहर में तथा वृहत् विष्णपुराण में इसे तीरभुक्ति कहा गया जिसका अपभ्रंश तिरहुत है । नदियों पर स्थित होने के कारण ये पूरा क्षेत्र तीरभुक्ति कहलाया । पर्ूव मध्यकाल में जिला अथवा परगना को भुक्ति कहते