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तो संभवतः भारतीय उपमहाद्वीप के एकीकरण की रणनीति पर काम कर रहे हैं मोदी

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गौतम चैधरी वर्तमान केन्द्र सरकार भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों को सामान्य से बेहतर करने के संकेत दे रही है। इसका प्रमाण विगत दिनों नई दिल्ली में पाकिस्तान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अपने दूत के तौर पर विदेश राज्यमंत्री वी. के. सिंह को भेजा जाना है। हालांकि केन्द्र सरकार के उस निर्णय की जोरदार भत्र्सना हो रही है लेकिन उस योजना के पक्ष में सरकार के समर्थकों का भी अपना मजबूत तर्क है। उस तर्क से कोई सहमत हो या न हो लेकिन तर्क में दम जरूर है। अपने राज्यारोहण के साथ ही नरेन्द्र भाई ने कई संकेत दिये, जिसमें सबसे पहला संकेत अपने पडोसियों के साथ संबंधों को मधुर बनाना है। उसी योजना के तहत अपने शपथ-ग्रहण समारोह में उन्होंने भारतीय उपमहाद्वीप के सभी देशों के राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित किया। यह नरेन्द्र मोदी की सोची-समझी और सैद्धांतिक चाल थी। हालांकि इस योजना में मोदी को अपने विचार परिवार से संभवतः समर्थन प्रप्त नहीं था लेकिन मोदी ने एक चुनौती ली और अपने उपमहाद्वीप के राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित कर दिया। इसका पूरे दुनिया में संदेश गया कि भारत का नव चय
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साक्षात्कार पाकिस्तानी उर्दू दैनिक के प्रधान संपादक सय्यद मुमताज अहमद के साथ भेंटवार्ता कें संपादित अंश गौतम चैधरी सय्यद मुमताज अहमद पाकिस्तानी समाचार माध्यम के जानेमाने पत्रकार हैं। पाकिस्तान में साम्यवादी आन्दोलन से जुडे मुमताज का परिवार विभाजन के समय उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से पलायन कर लाहौर में जाकर बस गया। मुमताज इन दिनों मशरख नामक दैनिक उर्दू के प्रधान संपादक हैं और भारत पाकिस्तान की दोस्ती के एवं अमन के लिए कम कर रहे हैं। विगत दिनों मुमताज भारत आए थे। उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री सरदार परकाश सिंह बादल और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहल लाल से मुलाकात की। वे भारत और पाकिस्तान के बीच की दूरी को कम करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। चूकी वे भारत से जाकर पाकिस्तान में बसे हैं इसलिए वे दावा करते हैं कि उनका भारत के प्रति लगाव है। विगत दिनों जब वे चंडीगढ के प्रवास पर थे तो उनके साथ मेरी विशेष वार्त हुईए जिसका संक्षिप्त और संपादित अंश मैं यहां प्रस्तुत कर रहा हूं। प्रश्न ः आपकी नजरों में पाकिस्तान की सबसे बडी समस्या क्या है? सैय्यद मुमताज अहमद ः भारत की तरह ही हमारे यहां भी