साक्षात्कार
पाकिस्तानी उर्दू दैनिक के प्रधान संपादक सय्यद मुमताज अहमद के साथ भेंटवार्ता कें संपादित अंश
गौतम चैधरी

सय्यद मुमताज अहमद पाकिस्तानी समाचार माध्यम के जानेमाने पत्रकार हैं। पाकिस्तान में साम्यवादी आन्दोलन से जुडे मुमताज का परिवार विभाजन के समय उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से पलायन कर लाहौर में जाकर बस गया। मुमताज इन दिनों मशरख नामक दैनिक उर्दू के प्रधान संपादक हैं और भारत पाकिस्तान की दोस्ती के एवं अमन के लिए कम कर रहे हैं। विगत दिनों मुमताज भारत आए थे। उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री सरदार परकाश सिंह बादल और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहल लाल से मुलाकात की। वे भारत और पाकिस्तान के बीच की दूरी को कम करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। चूकी वे भारत से जाकर पाकिस्तान में बसे हैं इसलिए वे दावा करते हैं कि उनका भारत के प्रति लगाव है। विगत दिनों जब वे चंडीगढ के प्रवास पर थे तो उनके साथ मेरी विशेष वार्त हुईए जिसका संक्षिप्त और संपादित अंश मैं यहां प्रस्तुत कर रहा हूं।

प्रश्न ः आपकी नजरों में पाकिस्तान की सबसे बडी समस्या क्या है?
सैय्यद मुमताज अहमद ः भारत की तरह ही हमारे यहां भी गरीबीए भ्रष्टाचारए बेरोजगारी एवं व्यापक स्तर पर सांस्कृतिक क्षरण बडी समस्या है। हमारी सरकार और अवाम इस समस्या से लडाई लड रही है पर कोई समाधान नहीं दिख रहा है।

प्रश्न ः भारत की सुरक्षा के प्रति आपका क्या दृष्टिकोण है?
मुमताज ः दोखिए मैं केवल पाकिस्तान की बात नहीं करूंगा। हिन्दुस्थानी अवाम एवं सरकार को इस हकीकत से वाकीफ होना चाहिए कि पाकिस्तान यदि खत्म होता है तो उसका खामियाजा हिन्दुस्तान को भी भुगतना पडेगा। पश्चिमी मुल्क के विस्तारवादी कुटनीतिक रणनीति के कारण मध्य.पूर्व एवं मध्य एशिया में एक नये प्रकार का आतंकवाद खडा हो गया है। यह आतंकवाद इस्लामिक इस्टेट के रूप में पाकिस्तान की पश्चिमी सीमा पर दस्तक दे रहा है। धीरे.धीरे अफगान.पाक तालिवानी समूह उसके साथ अपना तालमेल बिठा रहा है। आने वाले समय में पाकिस्तान के लिए बडा खतरा पैदा करेगा। मेरा मानना है कि यदि तालिवार के साथ पाकिस्तान की लडाई में भारत पाकिस्तान का सहयोग करे तो इससे भारत की पश्चिमी सीमा मजबूत होगी साथ ही पाकिस्तान भी सुरक्षित रहेगा।

प्रश्न ः पकिस्तान के लोग भारत के बारे में क्या सोचते हैं?
मुमताज ः हमारी संस्कृति साझी है। हमारे खयालात आपस में मिलते हैं। हमारी सोच का ढंग एक जैसा है। मुल्क और मजहब के बदल जाने से मूल्य नहीं बदल जात है। पाकिस्तानी अवाम भारत के खिलाफ नहीं है। हांए इन दिनों सत्ता प्रतिष्ठानों में भी भारत के प्रति स्वीकार्यता बढी है। पाकिस्तान की नयी पीढी भारत के साथ अच्छे संबंधों की पैरोकारी कर रहा है। हमारे यहां कटासराज है तो आपके यहां अजमेर शरीफ है। दोनों मुल्कों के लोग दोनों धार्मिक स्थलों को देखना चाहते हैं। मैं पाकिस्तान सरकार से मांग करूंगा कि वह कम से कम 01 लाख भारतीयों कटासराज दर्शन के लिए विजा दे और ऐसी ही अपेक्षा भारत से भी हमारी होगी। देखिएए अपने लोगों की तरक्की दोनों सरकारों की प्राथमिकता में होनी चाहिए। 

प्रश्न ः और कश्मीर पर आपका दृष्टिकोण ?
मुमताज ः यह विवाद न छेडें तो अच्छा होगा। कश्मीर के कारण दोनों देशों का बडा नुकसान हुआ है। उसे सकारों के उपर ही छोड देंए फिर कश्मीरी अवाम भी तो कुछ सोचती होगीघ् हमारा तो अन्य मामलों पर ज्यादा जोर है। सीमाए खुलेए व्यापार बढेए रोजगर के लिए हमारे नौजवानों को अवस मिले यही हमारी सरकारों की प्राथमिकता होनी चाहिए।

प्रश्न ः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा सरकार के बारे में आपका क्या कहना है?
मुमताज ः पहली बात तो यह है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को वर्तमान दौर में अपने पुराने विचारों को बदल
देना चाहिए। आपके द्वारा संघ प्रमुख डाॅ. मोहन भागवत के एक भाषण की प्रति मैंने मुकम्मल पढी। डाॅण् भागवत के विचारों से ऐसा लगता है कि संघ अपने पारंपरिक विचारों में थोडी नरमी ला रहा है। डाॅ. भागवत आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट को पश्चिमी देशों की उपज मानते हैं। मैं उनके इस सोच से सहमत हूं। इसलिए अब एक अभियान पश्चिमी देशों के खिलाफ चलाये जाने की जरूरत है। मैं मानता हूं कि डाॅ. भागवत का भाषण संघ में आ रहे वैचारिक परिवर्तन का संकेत है। निःसंदेह इसे पाकिस्तान में भी सकारात्मक तरीके से लिया जाएगा लेकिन मुस्लमानों और अन्य अल्मसंख्यकों के बारे में जो बातें मीडिया से पाकिस्तानी अवाम को संघ के बारे में बताया जा रहा है वह बेहद विषैला है। संघ को चाहिए कि अपने सकारात्मक स्वरूप को मीडिया के सामने और व्यापक ढंग से प्रस्तुत करे। आपके द्वारा जनबा इन्देश कुमार की किताब और उनके द्वारा खडे किये गये मुस्लमानों के संगठन की जानकारी बेहद चैकाने वाली है। इस बात की चर्चा पाकिस्तान की मीडिया में होनी चाहिए। इस दायित को मैं पूरा करूंगा। रही बात भारत में भाजपा सरकार की तो मुझे पक्का यकीन है कि पाकिस्तान के साथ भाजपा सरकार ही अच्छा संबंध बना सकती है, कांग्रेस या कोई अन्य दल की सरकार नहीं। 
मुझे देर हो रही है। कही और जाना है इसलिए फिर कभी मुलाकता होगी।
 

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