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Showing posts from December, 2018

चुनावी मोड में हरियाणा, बिछने लगी रणनीतिक विसात

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गौतम चौधरी कायदे से हरियाणा विधानसभा का चुनाव तो लोकसभा चुनाव के बाद होना है। इस बीच राजनीतिक गलियारों में चर्चा जोरों पर है कि सत्तारूढ दल हरियाणा विधानसभा चुनाव भी लोकसभा के साथ ही करा लेना चाहता है। तकज़् कई दिए जा रहे हैं लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा या पुष्टि नहीं हो पायी है। चुनाव जब भी हो लेकिन राजनीतिक दलों ने हरियाणा विधानसभा चुनाव की तैयारी प्रारंभ कर दी है। सरसरी तौर पर देखें तो प्रदेश में तीन राजनीतिक शक्तियां हैं। एक भारतीय जनता पार्टी, जो फिलहाल सत्तारूढ है और अभी भी अन्य दलों की तुलना में संगठित और मजबूत दिख रही है। दूसरी पार्टी कांग्रेस है। फिलहाल प्रदेश में कांग्रेस साफ तौर पर कमजोर दिख रही है। कमजोर इसलिए नहीं कि उसके पास कार्यकपताओं की कमी है, या फिर वह जनाधार के मामले मे कमजोर है, अपितु कांग्रेस कमजोर इसलिए दिख रही है कि इसके नेता आपसे में ही एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चे पर डटे हैं।  खैर, तीसरी राजनीतिक शक्ति समाजवादी पृष्टभूमि की पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चैटाला के नेतृत्व वाली इंडियन नेशनल लोक दल है। पहले तो यह दल बेहद प्रभावशाली दिख रहा था। मसल

यदि इस्लाम को बचाना है तो हमें नकारात्मकता को हतोत्साहित करना होगा

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हसन जमालपुरी  मैं इस्लाम के बारे में सकारात्मक सोच रखने वालों में से हूं। इसलिए मैं इस्लाम की समारामकता से ही आपको परिचय कराउंगा। मसलन इसलाम में जो भी नकारात्मक दिख रहा है वह इस्लाम का अंग है ही नहीं जैसे आप फतवों के बारे में सुनते होंगे। इस्लाम में फतवों का विधान है लेकिन आजकल जिस प्रकार के नकारात्मक फतवे जारी किए जा रहे हैं उसका हमारे यहां कोई स्थान नहीं है। चुनांचे इस्लाम में जीवन को जीने का पूरा कायदा दिया गया है। यह मुस्लिमों को भाईचारे, शांति और पड़ोसियों के प्रति प्यार-मुहब्बत रखने का उपदेश देता है। इस्लाम अपने पड़ोसियों के मजहब पर विचार किए बिना उनके साथ आपसी रिश्ते और सहयोग रखने पर जोर देता है। साथ ही पड़ोसियों से किसी भी रूप में घ्रिणा करने या नुकसान पहुंचाने के लिए भी मना करता है। एक मुस्लिम होने के नाते यह स्वीकार करना चाहिए कि सभी मनुष्य आदम और हौवा के संतानें हैं, इसलिए सभी आपस में बराबर हैं। कुरान मजीद में भी यह कहा गया है कि अल्ला की खिदमत करों और उसके साथ किसी और को खड़ा ना करो। अपने माता-पिता, रिश्तेदारों, अनाथों, जरूरतमंदों, पड़ोसियों, अजनबिनयों, अपने साथियों, म

अब राम के वन गमन पथ पर पंगा, मंत्रालय और एडवाइजरी कमेटी आमने-सामने

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गौतम चौधरी  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक राम सर्किक का विकास है। यह भारत के लिए ही नहीं दुनिया भर में बसे हिन्दुओं के लिए धार्मिक आस्था की बात है। भारतीय राष्ट्रवाद और इस देश के लिए बेहद अच्छी योजना नरेन्द्र भाई की सरकार लेकर आ रहे हैं लेकिन इस योजना के साथ जो छेड़-छाड़ की जा रह है वह हिन्दुओं के आस्था पर प्रहार से कम नहीं है। विगत दिनों हमारे प्रधानमंत्री नेपाल के प्रवास पर गए थे। वहां उन्होंने माता जानकी के जनकपुर स्थित मंदिर का भी दर्शन किया। जानकी मंदिर में गूंजती घंटी प्रधानमंत्री मोदी के नेपाल में होने की गवाही दे रही थी। सियाराममय माहौल में रामायण सर्किट की चर्चा भी बेहद स्वाभाविक था।  आपको बता दें कि साल 2016 में भारत सरकार ने रामायण सर्किट की घोषणा की थी। दो साल बीत गए हैं लेकिन इस सर्किट पर अभी तक कुछ भी नहीं हो पाया है। इस मामले पर अपने दूरदर्शन के लिए रिपोर्टिंग करने वाले वरिष्ट पत्रकार अमिताभ बताते हैं कि सरकार ने राम सर्किट निर्माण के लिए बाकायदा एक एक कमीटी बनाई है। उसके अध्यक्ष राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं विश्व हिन्दू परिषद् से ज

असहिष्णुमा की बात करने वाले इस देश को समझ नहीं पाए

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हसन जमालपुरी  कुछ लोग भारत के हिन्दू और मुसलमानों को नाहक में बड़गला रहे हैं। मीडिया के द्वारा बराबर प्रचार किया जाता है कि भारत में असहिष्णुता बढ़ रही है लेकिन मेरा मानना है कि जबतक इस देश में समझदार लोग जिंदा हैं और भारत का संविधान प्रभावी है तबतक इस देश में असहिष्णुता किसी कीमत पर नहीं आ सकती है।  आज मैं आपके सामने कुछ उदाहरण प्रस्तुत करता हूं जो इस देश में पनप रहे मौका परस्तों की आंखें खोल देगा। चुनांचे एक हिन्दू परिवार द्वारा मुस्लिम लड़के का पालन-पोषण किया गया। यह कोई फिल्मी कहानी नहीं है। हकीकत है कि थाने, महाराष्ट्र स्थित बेडेकर काॅलेज की प्रिंसिपल डाॅ. सुचित्रा नायक ने अब्दुल शेख नामक ऐसे अनाथ मुस्लिम लड़के को गोद लिया, जिसने उनके काॅलेज में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए दाखिला लिया था। दाखिले के दौरान उससे बातचीत करने पर डाॅ. सुचित्रा को उसकी स्थिति के बारे में पता चला और उसका भविष्य सवारने के लिए उन्होंने उसे अपनाने का मन बनाया। ऐसा करने से पहले उन्होंने अपने पति श्री नायक तथा परिवार के अन्य सदस्यों से भी परामर्श किया, जिन्होंने उनके इस प्रयास के प्रति अपनी सहमति ज