मुस्लिम महिलाओं को सरकार की विभिन्न योजनाओं तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है स्वयं सहायता समूह
डॉ. रश्मि खान शाहनवाज महिलाओं की आर्थिक स्थिति स्थापित करने और उनके समग्र सशक्तिकरण में योगदान देने के लिए कौशल विकसित किए जाते हैं। इसके अतिरिक्त, स्वयं सहायता समूह यानी एसएचजी अक्सर कानूनी अधिकार और सरकारी मान्यता के आधार पर स्कूलों में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों, स्वास्थ्य जागरूकता अभियानों और कार्यक्रमों में भाग लेते हैं, जिससे महिलाओं को महत्वपूर्ण ज्ञान व तकनीक तक पहुँच में सुविधा होती है। शिक्षा क्षेत्र में एसएचजी का उल्लेखनीय प्रभाव देखा गया है। जैसे-जैसे मुस्लिम महिलाओं की आर्थिक स्थिति अधिक स्थिर होती जाती है, वे अपने बच्चों की शिक्षा में निवेश करते हैं, जिससे न केवल समाज और कौम का भला होता है अपितु देश भी विकास की ओर आपे-आप अग्रसर हो जाता है। यह योजना खासकर लड़कियों के लिए बेहद उपयोगी साबित हो रही है। अब मुस्लिम महिलाओं में भी लड़कियों को पढ़ाने की दिशा में जागरूकता बढ़ी है। इसका असर स्वास्थ्य और स्वतंत्रता, परिवार नियोजन और मातृ देखभाल जैसे विषयों पर व्यापक दिख रहा है। अब तक जो वर्ग हाशिए पर था वह एकाएक मुख्यधारा का आधार बनता जा रहा है। एसएचजी का सबसे महत्वपूर्ण योगदान मुस्