सेवा, स्वाबलम्वन और संस्कार की प्रयोगशाला है सेवा भारती


गौतम चैधरी
ऐसे तो पूरे देश में सेवा भारती और वनवासी कल्याण आश्रम के द्वारा सेवा का कार्य किया जा रहा है लेकिन उत्तर भारत के ग्रामीण और दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में कमजोर वर्ग के बीच सेवा भारती ने अपनी अलग पहचान बनाई है। उत्तर भारत के चार राज्य और एक केन्द्र शासित प्रदेश में सेवा भारती की पहुंच लगभग सभी जिलों में है लेकिन इसका ज्यादा काम हरियाणा के मेवात, हिमाचल प्रदेश के कांगडा और कुल्लू, जम्मू-कश्मीर के जम्मू, किस्तवार, लद्दाख तथा पंजाब के फिरोजपुर, अमृतसर और गुरदासपुर आदि जिलों में देखने को मिलता है। उत्तर भारत में सेवा भारती का प्रदेश स्तर पर विस्तार है। उत्तर भारत में सेवा भारती का कोई संयुक्त केन्द्र तो नहीं है लेकिन चंडीगढ के सेक्टर 29 में सेवा-धाम के नाम से एक केन्द्र है जिसे पूरे उत्तर भारत का सबसे बडा सेवा केन्द्र कहा जा सकता है। लगभग एक एकड में फैला यह स्थान सेवा के सभी प्रकल्पों का माॅडल प्रस्तुत करता है। सेवा भारती के पंजाब प्रदेश प्रशिक्षण प्रमुख विजय कुमार का दावा है कि पंजाब में कम से कम 250 ऐसे प्रकल्प हैं जिसे सेवा भारती खुद सम्हाल रही है, जबकि 500 ऐसे प्रकल्प हैं जिसे सेवा भारतीय अप्रत्यक्ष रूप से उसका देख-रेख कर रही है। इसी प्रकार हरियाणा के मेवाल जिले में सेवा भारती के दो छात्रावास हैं जिसमें से एक छात्रावास पूर्ण रूप से व्यवस्थित है जबकि दूसरा छात्रावास अभी विकसित किया जा रहा है। इसके अलावा हरियाणा में सेवा भारती के 100 से अधिक प्रकल्प प्रत्यक्ष और 300 के करीब अप्रत्यक्ष रूप से संचालित हो रहे हैं। चूकी जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर घाटी वाला क्षेत्र, आतंकवाद और उग्रवाद से प्रभावित है इसलिए इन क्षेत्रों में सेवा भारती की पहुंच नगन्य है लेकिन जम्मू और लद्दाख वाले क्षेत्र में सेवा भारती ने अपनी पहुंच बना ली है। जम्मू और लद्दाख क्षेत्र में सेवा भारती का लगभग 100 से अधिक प्रत्यक्ष प्रकल्प चलाता है जबकि अप्रत्यक्ष रूप से 200 से अधिक प्रकल्पों को सेवा भारती सहयोग कर रही है।

सेवा का मूल सिद्धांतों को लेकर सेवा भारती की स्थापना 80 के दशक में किया गया था लेकिन उत्तर भारत में सन् 1986 में सेवा भारती ने अपना विधिवत काम प्रारंभ किया। उन दिनों सेवा भारती का कोई खास काम उत्तर भारत में नहीं था। उन दिनों सेवा भारती केवल आदिवासी और वनवासी क्षेत्रों में ही अपने काम को विस्तार दे रही थी लेकिन 90 के दशक में उत्तर भारत में भी सेवा भारती का काम जोर पकडने लगा। सेवा भारती ने सबसे पहला प्रकल्प चंडीगढ के सेक्टर 29 में डाला और अपने काम को गति देने लगा। धीरे धीरे यह प्रकल्प भी विकसित हुआ और सेवा भारती का काम भी बढता चला गया। आज पूरे उत्तर भारत में सेवा भारती के कम से कम 500 से अधिक प्रकल्प प्रत्यक्ष रूप से कम कर रहे हैं जबकि परोक्ष रूप से 1000 प्रकल्पों को सेवा भारती सहयोग करती है। 

पूरे उत्तर भारत में सेवा भारती का सबसे बडा केन्द्र चंडीगढ संघ राज्य के सेक्टर संख्या 29 में है। इसे सेवा धाम के नाम से जाना जाता है। भवन के तीन तल हैं और तीनों तलों में दिनभर सेवा का कार्य किया जाता है। यहां कमजोर वर्ग के युवाओं को स्वरोजगार का प्रशिक्षण दिया जाता है। यहां एक चिकित्सा-केन्द्र स्थापित भी की गयी है। इसके अलावे सेवा भारती इस केन्द्र का उपयोग उत्तर भारत में जुडे अपने कार्यकत्र्ताओं को प्रशिक्षित करने के लिए करती है। सेवा भारती से जुडे लोगों का दावा है कि पूरे उत्तर भारत में कम से कम 500 लोग सेवा भारती के लिए काम कर रहे हैं उसमें से 50 से अधिक पूर्णकालिक कार्यकत्र्ता हैं। सेवा भारती की सांगठनिक संरचना अन्य सेवा भावी संगठनों से थोडा भिन्न है। इसमें कुछ वैतनिक और कुछ अवैतनिक कार्यकत्र्ता जुडे हैं। जो अवैतनिक कार्यकत्र्ता हैं उन्हें संगठन मंत्री कहा जाता है। इसकी संख्या पूरे उत्तर भारत में कम से कम 10 है। इसके अलावा जो वेतन-प्राप्त कार्यकत्र्ता हैं उनकी संख्या 40 के करीब है। इसके अलावा सेवा भारती के साथ कुछ अंशकालिक कार्यकत्र्ता भी जुडे हैं जो अपना कुछ समय सेवा भारती के लिए निकालते हैं। उसके आधार पर सेवा भारती उन्हें कुछ मानदेय देती है। ऐसे कार्यकत्र्ताओं की संख्या सेवा भारती में ज्यादा है और इस प्रकार से पूरे उत्तर भारत में कम से कम 300 लोग जुड हुए हैं। इसके अलावा कुछ ऐसे लोग भी सेवा भारती के साथ जुडे हुए हैं जो सेवा भारती से कुछ भी नहीं लेते और पूरा समय देकर काम करते हैं।

सेवा भारती के सेवा का काम अन्य गैर सरकारी संस्थाओं या फिर ईसाई संगठनों से थोडा भिन्न है। सेवा भारती मुख्य रूप से तीन प्रकार का काम करती है। पहला काम इसका शिक्षा और लोगों में संस्कार में विकास करना है। सेवा भारती का दूसरा काम स्वास्थ्य का है तथा सेवा भारती एक तीसार काम भी करती है जिसे आपदा प्रबंधन के नाम से जाना जाता है। सेवा भारती शिक्षा और संस्कार का काम एक साथ चलाती है। इसके लिए सेवा भारती पूरे उत्तर भारत में छोटे-छोटे एकल विद्यालय चला रही है। ऐसे विद्यालयों का संचालन ग्रमीण क्षेत्रों में किया जाता है और यह सेवा भारती का बडा ही सफल प्रकल्प है। यह प्रकल्प देखने में भले छोटा लगे लेकिन इसका प्रभाव बडा व्यापक है। गांव के ही थोड पढे नौजवानों या नवयुवतियों को प्रशिक्षित कर इस प्रकार का विद्यालय खडा किया जाता है। इसमें बच्चों को शिक्षा के साथ ही साथ संस्कार भी दिया जाता है। इस प्रकार के विद्यालय के शिक्षक ग्रामीण संसाधनों का उपयोग करते हैं। बच्चों को राष्ट्र भक्ति गीत सिखाते हैं और समाज से जुडने की शिक्षा दी जाती है। यहां अनुशासन पर विशेष ध्यान दिया जाता है। इस प्रकार के लगभग 200 से अधिक प्रकल्प केवल पंजाब में चल रहा है। सेवा भारती शिक्षा और संस्कार के लिए शिशु-गृह का भी संचालन कर रही है। अकेले चंडीगढ में दो शिशु-गृह सेवा भारती के द्वारा संचालित हो रहा है। यह प्रकल्प सामान्य आय-वर्ग के लोगों के लिए चलाया जा रहा है। चंडीगढ के बुडैल गांव स्थित शिशु-गृह में बच्चों की संख्या कम से कम 50 होगी। उत्तर भारत के कम से कम 10 शहरों में ऐसे शिशु-गृह चलाये जा रहे हैं। इसके अलावा सेवा भारती ने कीर्तन मंडलियों का भी गठन किया है जो ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर समाज और देश के प्रति लोगों की भावनाओं को मुखकर करने का काम करता है। पूरे उत्तर भारत में ऐसे मंडलियों की संख्या 100 से उपर है। इसके बाद सेवा भारती का सबसे बडा काम स्वास्थ्य के क्षेत्र में है। सेवा भारती पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के 05 बडे सरकारी चिकित्सालयों में स्थाई सेवा शिविर लगाए हुए है। यहां से कमजोर वर्ग के मरीजों और उनके संबंधियों के लिए भोजन तथा अन्य प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। कई स्थानों पर तो यह केन्द्र 16 घंटों तक चलाया जा रहा है। यहां से मुफ्त में दवाएं भी दी जाती है। सेवा भारती के पास अपना एम्बूलेंस है जिसका उपयोग सेवा भारती रोगियों को ढोने के लिए करती है। सेवा भारतीय समय समय पर ऐसे एम्बूलेंस का उपयोग ग्रामीण क्षेत्रों में अस्थाई चिकित्सालयों के लिए भी किया करती है। इसके अलावा पूरे उत्तर भारत में सेवा भारती के 10 चिकित्सा केन्द्र हैं जहां स्थाई रूप से चिकित्सक बैठते हैं और मुफ्त में चिकित्सा एवं दवा उपलब्ध कराई जाती है। सेवा भारती का सबसे प्रभावशाली काम आपदा प्रबंधन का है। सेवा भारती के पूर्णकालिक कार्यकत्र्ता विजय कुमार का कहना हैं कि पूरे उत्तर भारत में 100 ऐसे प्रशिक्षित कार्यकत्र्ता उनके पास है जो आपदाओं के समय अप्रत्याशित ढंग से सक्रिय हो जाते हैं। विजय बताते हैं कि उनके संगठन ने समय समय पर आपदाओं में अपनी सिद्धस्तता भी साबित की है। सेवा भारती आपदा प्रबंधन के लिए समय समय पर अपने कार्यकत्र्ताओं को प्रशिक्षण भी देती है। चंडीगढ का सेवा धाम इस प्रकार के प्रशिक्षण के लिए उपयोग में आता है।

इसके अलावा सेवा भारती समय समय पर यात्रा और विशेष प्रकार का आयोजन भी करती है जिससे देश और समाज में जागृति पैदा किया जा सके। सेवा भारती का एक बडा प्रकल्प स्वरोजगार का भी है। इसके द्वारा सेवा भारती कमजोर वर्ग के युवाओं को स्वरोजगार का प्रशिक्षण देती है। सेवा भारती का दावा है कि पूरे उत्तर भारत में प्रत्येक साल 1000 युवाओं को वह इस प्रकार का प्रशिण देती है। इसका उदाहरण चंडीगढ का सेवा धाम है। यहां कम्प्यूटर और अन्य प्रकार के स्वावलम्बन का प्रशिण केन्द्र देखा जा सकता है। महिलाओं को स्वरोजगार के लिए सेवा भारती सिलाई, कढाई का भी प्रशिक्षण देती है। इसके साथ ही साथ कमजोर वर्ग के महिलाओं को सिलाई मशीन भी उपलब्ध करा दिया जाता है। सेवा भारती अपने विचार और कार्य योजनाओं को आम जनता तक ले जाने के लिए प्रत्येक प्रांतों से एक एक पत्रिका निकालती है। यह पत्रिकाएं अमूमन मासिक है लेकिन कुछ प्रांत इसे दो महीनों पर भी निकाल रही है। 

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