मोदी की इंडोनेशियाई रणनीति से चीन का बढ़ा टेंशन
हालात ही कुछ ऐसे हैं कि कारोबार हो या सामरिक मामला, भारत और चीन एक-दूसरे के हर कदम पर निगाह रखते हैं। रखना स्वाभाविक है। दोनों देशों में लड़ाई भी हो चुका है। कई मार्चों पर चीन ने भारत को मात दिया तो भारत ने भी चीन को कम मात नहीं दिया है।
हालांकि कुछ ऐसे मौके आए जब भारत ने चीन को खुल कर सहयोग किया और उस सहयोग का चीन ने दुनिया के मंच पर फायदा भी उठाया। हालांकि चीन के द्वारा भारत के सहयोग का कोई उदाहरण नहीं मिलता है।
मसलन इस बार कदम भारत ने उठाया और प्रतिक्रिया चीन में हो रही है। दरअसल, हाल में इंडोनेशिया ने भारत को सामरिक लिहाज से अहम अपने सबांग द्वीप तक आर्थिक और सैन्य पहुंच दी है।
ये द्वीप सुमात्रा के उत्तरी छोर पर है और मलक्का स्ट्रैट के भी करीब है। इंडोनेशिया के मंत्री लुहुत पंडजैतान ने बताया था, भारत सबांग के पोर्ट और इकोनॉमिक जोन में निवेश करेगा और एक अस्पताल भी बनाएगा।
ये खबर आने के कुछ दिन बाद सोमवार को भारत के प्रधानमंत्री ने बताया कि वो 29 मई से 02 जून के बीच इंडोनेशिया, मलेशिया और सिंगापुर के दौरे पर जा रहे हैं। इंडोलेशिया का दौरा करने के बाद वे मलेशिया और सिंगापुर भी जाएंगे। यह दौरा सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण दौरा माना जा रहा है।
मलेशिया में मोदी प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद से मुलाकात करेंगे जबकि सिंगापुर में छात्रों और सीईओ से भेंट के अलावा क्लिफर्ड़ पियर जाएंगे जहां महात्मा गांधी की अस्थियां विसर्जित की गई थी।
-बीबीसी के इनपुट पर आधारित।
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