समझौता ब्लास्ट में एक और अहम सुराग का दावा


चंड़ीगढ़, 14 फरवरी समझौता एक्सप्रेस बम विस्फोट के मामले में राष्ट्रीय जांच अभिकरण (एनआईए) ने  एक और सफलता का दावा किया है। अभिकरण ने आज पंचकुला के विषेष न्यायालय में एक ऐसे शक्स को प्रस्तुत किया जिसके उपर समझौता एक्सप्रेस में बम रखने का आरोप है।
इंदौर जिला स्थित देपालपुर तहसील के मुरखेरा निवासी कमल चौहान को एनआईए की टीम ने 12 जनवरी को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। चौहान पर बहुचर्चित समझौता एक्सप्रेस में बम रखने का आरोप लगाया जा रहा है। आज एनआईए ने पंचकुला के विषेष अदालत में कमल चौहान को प्रस्तुत किया पुछताछ के लिए हिरासत में लेने की मांग की। अभिकरण की मांग पर माननीय न्यायालय ने कमल को 10 दिनों की न्यायिक हिरासत में रखने का आदेष दिया है। अब कमल को आगामी 24 फरवरी को फिर से न्यायालय के समझ प्रस्तुत किया जायेगा।
इधर कमल के अधिवक्ता निर्मल सोनी ने कमल पर लगे सारे आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कमल के मामले में एनआईए मानवाधिकार का हनन कर रही है। सोनी ने कहा कि हमारे मोअक्किल को जान बूझ कर फसाया गया है। उन्होंने कहा कि एनआईए ने कमल चौहन को उसके पैत्रिक गांव से गिरफ्तार किया है कि दिल्ली से। सोनी ने कहा कि कमल को विगत 10 फरवरी को उसके गांव इंदौर जिले के मुरखेरा से गिरफ्तार किया फिर कमल को अभिकरण पहले तो स्थानीय थाने में ले गयी उसके बाद उसे एक गेस्ट हाउस में रखा गया। बाद में कमल को इंदौरा लाया गया। कमल को इंदौर से दिल्ली हवाई जहाज से लया गया है। सोनी ने कहा कि अभिकरण कमल को दिल्ली से गिरफ्तार करने का दावा कर रही है जो झूठ है। उन्होंने कहा कि दिल्ली से गिरफ्तार किया गया होता तो उसे इंदौर से हवाई जहाज में दिल्ली लाने की क्या जरूरत थी। कमल के वकील ने कहा कि एनआईए कमल को 12 फरवरी की गिरफ्तारी बता रहा है जबकि कमल 10 फरवरी की रात से ही पुलिस के गिरफ्त में है। कमल के वकील निर्मल सोनी ने तो यहां तक कहा कि एनआईए कमल को अवैध रूप से दो दिनों तक तंग करती रही है। कमल को अभिरण ने केवल मासिक प्रतारणा दी है अपितु उसे सारीरिक चोट भी पहुंचाया गया है। अधिवक्ता सोनी के निवेदन पर न्यायालय ने कमल से बात करने के लिए मात्र 20 मिनट का समय दिया। समय दिये जाने का एनआईए ने विरोध किया था। हालांकि वकील सोनी ने कानून का हवाला देते हुए कहा कि भारतीय संविधान में सभी को अधिवक्ता रखने और उस अधिवक्ता को अपने मोअक्कील से बात करने का हक दिया गया है जो मौलिक अधिकार के अर्न्तगत आता है। इस दलील पर एनआईए के अधिवक्ता जबाव नहीं दे पाये और माननीय न्यायालय ने कमल के अधिवक्ता निर्मल सोनी को अपने मोअक्कील से 20 मिनट तक बात करने की अनुमति दी।
इधर कमल के पिता राधेष्याम चौहान ने बतया कि कमल को वह स्थनीय थाने में 10 फरवरी की रात को छोड आया था। उसके बाद से कमल का कोई सुराग नहीं था। अब जांच समिति वाले कमल को समझौता एक्सप्रेस कांड से जोड रहे हैं और कह रहे हैं कि उसे दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है। मामले पर नजर रख रहे वरिष्ट अधिवक्ता नरदेव शर्मा ने बताया कि स्वामी असीमानंद के मामले में एनआईए के पास यह तो तथ्य कही कही से प्राप्त हो गया था कि स्वामी जी सामझौता एक्सप्रेस विस्फोट के लिए माहौल बनाये फिर उन्होंने पैसा खर्च किया और लोगों के साथ मिलकर षडयंत्र किया लेकिन इस बात को साबित करने के लिए एनआईए के पास कोई ठोस सबूत नहीं था। एनआईए को ठोस सबूत बनाने के लिए एक ऐसे आदमी की जरूरत थी जो यह कह सके कि उसने समझौता एक्सप्रेस में स्वामी जी के कहने पर बम रखा था। एनआईए एक खतरनाक षडयंत्र के तहत कमल चौहान को मात्र फसाने का काम कर रही है। अधिवक्ता शर्मा ने तो यहां तक कहा कि कमल के पक्ष में कई तथ्य हैं जिसको कानून नजरअंदाज नहीं कर सकता है। जानकारी में रहे कि नरदेव शर्मा स्वामी असीमानंद की ओर से एनआईए की विषेष अदालत में पैरवी कर रहे हैं। कमल के मामले में एनआईए का पक्ष अति कमजोर है जो न्यायालय में धाराषाई हो जाएगा। बावजूत एनआईए का मानना है कि समझौता एक्सप्रेस मामले में एनआईए को एक और अहम सुरग हाथ लग गया है।

14.02.2012/गौतम 


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