चंडीगढ के विकास में भाजपा की भूमिका को याद करेंगे लोग : संजय टंडन

गौतम चौधरी
चंडीगढ प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष संजय टंडन के साथ भेंटवार्त पर आधारित  
चंडीगढ प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के इतिहास में व्यापक संघर्ष और मजबूत संगठन तैयार करने का दावा करने वाले संजय टंडन पेशे से चाटर्ड अकाउंटेंड हैं। बेहद व्यवस्थित और अध्यात्मिक जीवन जीने वाले टंडन को राजनीति विरासम में मिली है लेकिन उनका दावा है कि राजनीति के जिस मोकाम पर वे हैं उसमें भौतिक रूप से उनके पिता, छत्तीसगढ के राज्यपाल श्रीमान बलरामजी दास टंडन की कोई भूमिका नहीं है। संजय जी खुद कहते हैं कि वो मेरे पिता है और ऐसा माना जाता है कि पुत्र पिता की प्रतिकीर्ति होता है, इस दृष्टि से उन्होंने मुङो बहुत कुछ दिया लेकिन यदि कोई यह कहे कि संजय टंडन अपने पिता के कारण राजनीति में लगातार सफल हो रहा है, तो यह गलत है। पिता का आर्शिवाद मेरे लिए अति महत्वपूर्ण है। मैं एक हिन्दू परिवार में पैदा हुआ हूं और अपने पूरे परिवार को पूर्ण रूपेण हिन्दू बनाये रखना चाहता हूं इसलिए मैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे संगठन के साथ जुड़ा और राजनीति में सुचिता और समाज के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण का विकास हो इसलिए मैंने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। इन्ही कुछ बिन्दुओं को लेकर मैने संजय जी के साथ मुलाकात की। इन दिनों संजय टंडन चंडीगढ प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष हैं। उनके साथ हुई वार्ता का संपादित अंश यहां प्रस्तुत कर रहा हूं।
प्रश्न : संजय जी केन्द्र में आपकी सरकार है और चंडीगढ केन्द्रीय टैरीट्री है, आपका सरकार से नाखुश होने का तो सवाल ही नहीं उठता है?
संजय टंडन : ऐसी बात नहीं है। विचार और संवाद में भिन्नता का होना स्वाभाविक है। यदि आपकी नियत में कोई खोट नहीं है तो अंतरविरोध सहजता से समाप्त हो जाता है। नि:संदेह सरकार हमारी पार्टी की है। सरकार के सभी कामों से मैं संतुष्ट हूं। कुछ काम तो देश में पहली बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हो रहा है। जहां तक चंडीगढ के विकास और व्यवस्था का सवाल है उसमें भी सरकार ने कई सकारात्मक कदम उठाए हैं। पहले इस शहर के अभिजात्य या फिर बेहद गरीब लोगों को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाई जाती थी। इस बार हमारी सरकार ने उन योजनाओं में शहर के मध्यम एवं निमA-मध्यमवर्ग को भी जोड़ दिया। पहली बार किसी सरकार ने चंडीगढ में संपत्ति हस्तानांतरण के लिए मुकम्मल कानून बनाई है। इससे लोगों की संपत्ति फ्री-होल्ड होगी और निमA-मध्यमवर्ग के लोगों को फायदा होगा। आपको पता है इससे कम से कम दो लाख लोग लाभान्वित होंगे।
प्रश्न : इसी से संबंधित सवाल है कि क्या सरकार निमA-मध्यमवर्ग के लिए कम कीमत के मकान पर भी काम कर रही है?
संजय टंडन : नि:संदेह! आने वाले समय में लोगों को 20 लाख तक का फ्लैट मिल सकता है। इसके लिए हाउसिंग बोर्ड अपने काम में लग गया है। अभी तुरत 600 फ्लैट का ड्रा निकलने वाला है। हमारी सरकार प्रत्येक साल इस प्राकर का ड्रा निकालेगी और लोगों को रहने के लिए सस्ता कमान उपलब्ध कराएगी।
प्रश्न : संजय जी आपकी दृष्टि में चंडीगढ की सबसे बड़ी समस्या क्या है और उसके लिए आपकी सरकार ने क्या समाधान सोचा है?
संजय टंडन : इस शहर की सबसे बड़ी समस्या आवास की है। उसके लिए आपको हमने बताया। दूसरी समस्या पानी की है। इस पर भी काम प्रारंभ हो गया है। कुल 40 एमजीडी पानी जो रूका हुआ था उसको चालू करा दिया गया है। अब चंडीगढ के लिए 20 साल तक पानी की कोई समस्या नहीं होगी। चंडीगढ पुलिस में 33 प्रतिशत महिलाओं का आरक्षण कर दिया गया है। यह बहुत बड़ी बात है। इसे सुरक्षा की दृष्टि से बेहद सही बदम मानना चाहिए। मेडिकल कॉलेज में जो सीटें मात्र 50 था उसे बढाकर 100 कर दिया गया है। इसे बड़ी उपलब्धि मानिए। शहर में मेट्रो लाया जा रहा है। मेट्रो से हमारी यातायात सुविधा और सहज हो जाएगी।
प्रश्न : आपकी सांसद किरण जी ने तो मेट्रो का विरोध कर रही हैं?
संजय टंडन : नहीं, कभी उन्होंने इस प्राकर की बात नहीं कही। जिस अखबार के खबर की बात आप कर रहे हैं उसमें थोड़ी गलतफहमी है। उसे मैं दूर कर देता हूं। उनका कहना था कि यह आर्थिक दृष्टि से उपयुक्त नहीं है। किरण जी ने कभी मेट्रो का विरोध नहीं किया। हम मेट्रो लेकर आ रहे है। यह चंडीगढ और चंडीगढ के आस-पास के लिए बेहद जरूरी है। फिर चंडीगढ का जो रेलवे स्टेशन बन रहा है वह विश्व स्तर का होगा। दो दिन पहले ही केन्द्रीय रेलमंत्री माननीय सुरेश प्रभू जी से बात हुई है। आपको पता है कि मैं भी चाटर्ड अकाउंटेंट हूं और वो भी उसी पेशे में हैं। उनके मेरा पुराना परिचय है। चंडीगढ के रेलवे स्टेशन को विकसित करने का प्रस्ताव है। यहां रेलवे के पास 500 एकड़ जमीन है। उसको विकसित किया जाएगा और गाड़ियों का बड़ा हब बनाया जाएगा। यदि आपको अभी करनाल जाना हो तो आप सोचते हैं कि बस ज्यादा बेटर है लेकिन जब रेलवे और मैट्रो की व्यवस्था हो जाएगी तो आप खुद रेलवे से करनाल जाना पसंद करेंगे। देश में 06 रेलवे स्टेशनों को विश्वस्तर का बयानया जाना है जिसमें से आपका एक चंडीगढ भी है।
पश्न : सांसद किरण जी ने सिटीजन चार्टड का विरोध किया था?
संजय टंडन : ना, कभी नहीं! उन्होंने कभी नहीं इसका विरोध किया। हां थोड़ा संशोधन वो चाहती थी, जो कर दिया गया है। पहले का जो सिटीजन चार्टड था वह व्यावहारिक नहीं था अब जो बन कर आ रहा है उसे देखिएगा, बेहद उपयोगी है। संपत्ति कर बढाने के बारे में भी आपके मन में प्रश्न होगा, तो सुन लीजिए, जब आप उच्चस्तरीय व्यवस्था चाहेंगे तो आपको उसके अनुकूल थोड़ा ही सही शुल्क भी चुकाना चाहिए, यह आपकी नैतिकता है। जिस हिसाब से संपत्ति कर बढाया जा रहा था, भाजपा ने उसका विरोध किया। अब वह थोड़ा रह गया है। मैं किसी पार्टी का नाम नहीं लेना चाहिता लेकिन पहले बिना किसी से पूछे मामले पर निर्णय लिए जाते थे। हमारी सरकार स्वीकार्यता बनाने का काम कर रही है, यह तो लोकतंत्र को मजबूत करने वाला कदम है। इसका विरोध नहीं स्वागत किया जना चाहिए।
प्रश्न : संजय जी अब आप अपने व्यक्तिगत जीवन के बारे में बताएं।
संजय टंडन : व्यक्तिगत जीवन के बारे में क्या बताएं, अब तो पूरा जीवन सार्वजनिक होकर रह गया है। सुवह से लेकर रात के कम से कम 10 बजे तक अपने और अपने परिवार के लिए मात्र एक-दो घंटा ही निकाल पाता हूं। फोटोग्राफी की बड़ा सौख था लेकिन अब वह समाप्त सा हो गया है। आपके इस फोटोग्राफर को देखता हूं तो अपने पुराने दिन याद आ जाते हैं। बेहद कम कीमत के कैमरे से इतना बढिया फोटो मैंने खीचा है कि आप देखकर दंग रह जाएंगे। कभी वह कलेक्सन भी दिखाउंगा। मेरी 06 कंपनियां हैं। हमारे यहां कम से कम पांच हजार लोग काम करते हैं लेकिन मेरा बेटा अपना रास्ता खुद बना रहा है और कुछ नया करने में लगा है। मेरी प}ी समाज सेवा में लगी है। पिता जी के बारे में आप जानते ही हैं। मेरे तीन लड़के हैं, तीनों साई डिवोटी है। एक ने तो इतना बढिया ऐप्लिकेशन बनाया है कि मत पूछिये। उसने पहला एप सत्श्री साई को समर्पित किया है। अपने पूरे व्यापार को व्यवस्थित रखते हुए हमने संगठन को दुरूस्त किया है।
प्रश्न : संगठन के बारे में ?
संजय टंडन : बीच में ही रोकते हुए उन्होंने कहा कि मैं दो बार से चंडीगढ प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष हूं। मेरे से पहले भाजपा का सांगठनिक आधार वैचारिक अधिष्ठनों पर आधारित तो था लेकिन उसका विस्तार बेहत सीमित था। आज तीन हजार लोगों की हमारी टीम है। जब चाहें हम उनको काम में लगा सकते हैं। कार्यकत्र्ताओं की सूचि दिखाते हुए कहा कि 522 ऐसे नाम हमारे पास हैं जिसका चित्र और मुकम्मल पता इस सूचि में दर्ज है। चंडीगढ के प्रत्येक मतदान केन्द्र पर कम से कम हमारे 10 कार्यकत्र्ता हैं। 12 से 25 मतदान केन्द्र क्षेत्रों को मिलाकर एक मंडल की रचना है। 06 से 07 मंडल मिलकार एक जिला बना है। पूरे प्रदेश में हमारे पांच जिले हैं। हर जिलों में 16-16 लोगों की टोली है। आपको पता है इस बार हमारी सदस्यता एक लाख छे हजार की है। चंडीगढ में बताइये किस पार्टी की इतनी सदस्यता हुई है? यहां किसी पार्टी की 16-17 हजार से ज्यादा की सदस्यता नहीं होती। अभी पार्टी का महासंपर्क अभियान चल रहा है। 20-22 हजार लोगों का फार्म भरवा चुका हूं। पूरे प्रदेश में 1500 कार्यकत्र्ताओं का प्रशिक्षण कराना है। प्रशिक्षण का दौरा चल रहा है।
फिर संजय जी ने प्रशिक्षण के दौरान गाये जाने वाले गीत गा कर सुनाया : -
अरूण गगन पर महाप्रगति का
अब फिर मंगल गान उठा
करवट बदली अंगड़ई ली
सोया हिन्दुस्थान उठा।
देखिए मोदी जी के नेतृत्व में सोया हुआ हिन्दुस्तान उठकर खड़ा हो गया है। अब यह विकास की दिशा में बढने लगा है। हम और आप उसके साक्षी न बनें अपना योगदान दें। मेरी तो यही अपेक्षा होगी।

प्रश्न : संजय जी एक बेहद निजी प्रश्न है, क्या आप पंजाब में भी सक्रिय होने की योजना बना रहे हैं?
संजय टंडन : इसे मैं न भी नहीं कह सकता और हां भी नहीं कह सकता। यह मेरे मन की उपज नहीं है। आप चौथे आदमी हैं जो यह प्रश्न पूछ रहे हैं। ऐसे संगठन मुङो जहां लगा दे लग जाउंगा। संगठन का सिपाही हूं परंतु मेरी ऐसी कोई ईछा नहीं है। मैं जहां हूं वही ठीक हूं।
प्रश्न : कभी-कभी सुना जाता है कि आपका सांसद किरण जी के साथ गतिरोध है?
संजय टंडन : नहीं, बिल्कुल नहीं। मैं जैसा सोचता हूं किरण जी भी वही सोचती हैं। आपको या अन्य किसी बाहर से देखने पर ऐसा लगता है, अंदर ऐसी कोई बात नहीं है। किरण जी नवीन हैं। व्यक्तिगत द्वन्द्व तो परिवार में भी होता है, सो उनके साथ भी कई मामलों पर उभर कर सामने आ जाता है लेकिन हम दोनों पार्टी और चंडीगढ के हितों के लिए काम कर रहे हैं। वो भी अच्छा ही चाहती हैं और मैं भी। इसमें संभव है कि रास्ते का कभी-कभी फर्क हो जाता है। समाचार माध्यमों में जो द्वन्द्व दिखाया जाता है वैसा तो बिल्कुल नहीं है। अब अखबार बेचे जाने के लिए भी तो कुछ मसाला चाहिए। नकारात्मकता उसकी उपज। हम दोनों की पार्टी ने अलग-अलग भूमिका तय कर रखी है। हम दोनों अपनी-अपनी भूमिका निभा रहे हैं। चिंता न करें, सब अच्छा होगा। चंडीगढ को हम बढिया प्रशासन, बढिया विकास, बढिया शिक्षा, बढिया स्वास्थ्य देंगे।

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