आम आदमी पार्टी में गहराया विवाद, विभाजन की ओर आप

गौतम चौधरी
आम आदमी पार्टी (आप) छोड़ चुके पार्टी के पंजाब फइनांस कमेटी सदस्य हरदीप सिंह किंगड़ा ने एक पत्रकार वर्ता आयोजित कर पंजाब पार्टी प्रभारी संजय सिंह एवं दुर्गेश पाठक पर वित्तिय अनियमित्ता का आरोप लगाया है। किंगड़ा ने सुच्चा सिंह छोटेपुर को निदरेश बताया और कहा कि पंजाब में जितने भी बैंक खाते हैं उसमें से किसी बैंक खाते को छोटेपुर ऑपरेट नहीं करते जबकि उन खातों में से चार खातों को दुर्गेश पाठक के निकटस्थ आज भी ऑपरेट कर रहे हैं। 
चंडीगढ़ प्रेस कल्ब में आयोजित पत्रकार वर्ता के दौरान किंगड़ा ने एक ऑडियो भी जारी किया जिसमें दुर्गेश पाठक के बेहद करीबी बताए जा रहे अमरीश त्रिर्खा को किसी आप नेता से बात करते बताया गया है। ऑडियो की व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि उक्त नेता को यह बताया जा रहा है कि वे यदि दुर्गेश पाठक के साथ मीटिंग करना चाहते हैं तो उन्हें प्रति माह पांच लाख रुपये देना पड़ेगा। हालांकि ऑडियो जो वहां सुनाया गया उसमें वार्ता स्पष्ट सुनाई नहीं दे रही थी पर इतना जरूर सुना जा रहा था कि पांच लाख दोगे तो दुर्गेश जी से मुलाकात हो जाएगी। किंगड़ा ने आगे बताया कि बीते लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी ने पूरे पंजाब में 27 बैंक खाता आईडीबीआई बैंक में खुलवाई थी। चुनाव के बाद उन सारे खाता धारकों को पत्र लिखकर सूचित किया गया कि अब वे उन खातों को फ्रिज करवा दें और ऑपरेशन बंद कर दिया जाए। इसके बाद सारे खाते बंद कर दिए  गये। उन्होंने कहा कि मैं आप के पंजाब फाइनांस कमेटी का सदस्य था लेकिन मुङो भी उस निर्णय में शामिल नहीं किया गया जबकि बाद में बिना किसी पंजाब के बड़े नेताओं को विश्वास में लिए चार खाते फिर से चालू कर दिए गये। वे चारो खाते वहीं चालू किए गये थे जहां दुर्गेश, संजय, आशुतोष और केजरीवाल के चहेते बैठे थे। किंगड़ा ने कहा कि 27 खातों में से पटियाला, फिरोजपुर, संगरूर और बठिंडा के खाते आज भी चालू हैं लेकिन उनमें से किसी खातों का ऑपरेशन सरदार सुच्च सिंह छोटेपुर के हाथ में नहीं है। एसेसे में कोई यह आरोप लगाए कि सरदार छोटेपुर ने पार्टी फंड का गवन किया है यह सरासर गलत है। 
हरदीप सिंह किंगड़ा ने आगे कहा कि पंजाब में पार्टी फंड इकट्ठा करने के लिए दुनिया में प्रचलित योजनाओं का ही सहारा लिया गया। उन्होंने कहा कि मैं खुद तरनतान जिला में पार्टी फंड इकट्ठा कर आशुतोष को 18 लाख रुपये दिये, उसका फोटो भी मेरे पास है लेकिन उस पैसे का क्या हुआ यह अभी तक मुङो नहीं बताया गया। किंगड़ा ने कहा कि पंजाब में लोकसभा चुनाव से लेकर अभी तक किसी भी प्रकार की कोई छपाई नहीं हुई है। पार्टी झंड, बैनर, टोपी, यहां तक की झंडी में लगाने वाला डंडा भी दिल्ली से ही मगवाती है। ऐसी स्थिति में स्थानीय स्तर पर फंड की अनियमितता का तो कोई प्रश्न ही नहीं खड़ा होता है। यदि पार्टी के अंदर खोट है तो वह केन्द्रीय स्तर पर है न कि स्थानीय स्तर पर। पत्रकार वर्ता के दौरान मीडियाकर्मियों के द्वारा पूछे गये सवालों के जवाब में किंगड़ा ने कहा कि एक बार संजय सिंह के साथ मैं और छोटेपुर दोनों कहीं जा रहे थे। हिम्मत सिंह शेरगिल भी हमारे साथ थे। एक होटल पर हमलोग दूध पीए। उस होटल में दूध के एक ग्लास की कीमत 250 रुपये है। कुल 10 हजार रुपये का बिल आया। शेरगिल ट्वायलेट चले गये और उस बिल का भुगतान मुङो एवं छोटेपुर को करना पड़ा। किंगड़ा ने कहा कि पार्टी ने मुङो निकाला नहीं है और पार्टी मुङो निकाल भी नहीं सकती है क्योंकि पार्टी तदर्थ योजना के तहत चल रही है। शेरगिल यदि ऐसा कहते हैं तो यह उनकी भूल है। मैंने खुद पार्टी से त्यागपत्र दिया है। और त्यागपत्र इसलिए नहीं दिया कि मुङो टिकट नहीं दिया गया। पार्टी में कई प्रकार की अनियमिता है और उस अनियमितता को दूर करने के बजाय पार्टी और अनियमितता में डूबती जा रही है। इसके कई उदाहरण सामने हैं। ऐसे में मैने पार्टी से किनारा करना ही उचित समझा और पार्टी से इस्तीफा दे दिया। आगे की योजना पर पूछे गये सवाल के जवाब में किंगड़ा कन्नी काट गए और कहा कि अभी कई मामले आने वाले हैं। उन्होंने कहा कि अभी कहां जाना है यह तय नहीं किया है लेकिन राजनीति करनी है इतना तय है। 

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